जडेजा की जंग, आखिरी गेंद तक हार न मानी: भारत का लॉर्ड्स में दिल तोड़ने वाला संघर्ष

नमस्ते क्रिकेट प्रेमियों! 14 जुलाई 2025 को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट के पांचवें दिन का खेल हर भारतीय प्रशंसक के दिल में एक गहरी छाप छोड़ गया। 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने आखिरी गेंद तक हार नहीं मानी, लेकिन 22 रनों से जीत इंग्लैंड के हाथों में चली गई। 

यह दिन न केवल क्रिकेट के रोमांच से भरा था, बल्कि रवींद्र जडेजा और मोहम्मद सिराज जैसे योद्धाओं की जुझारू भावना ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा किया। आइए, इस दिल दहला देने वाले दिन का जायजा लें।
दिन की शुरुआत
चौथे दिन के अंत में भारत का स्कोर 58/4 था, और उसे जीत के लिए 135 रनों की जरूरत थी। केएल राहुल (33*) और नाइटवॉचमैन आकाश दीप मैदान पर थे, लेकिन आकाश दीप का विकेट दिन की आखिरी गेंद पर बेन स्टोक्स ने लिया था। पांचवें दिन की शुरुआत में भारत के सामने इंग्लैंड के घातक गेंदबाज जॉफ्रा आर्चर और बेन स्टोक्स थे, जो किसी भी कीमत पर भारत को जीत की राह पर नहीं आने देना चाहते थे।
सुबह का सत्र: भारत की उम्मीदों पर संकट
सुबह के सत्र में इंग्लैंड ने अपनी गेंदबाजी से भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। जॉफ्रा आर्चर ने अपने पहले ही स्पेल में ऋषभ पंत (9, 15 गेंदें) को आउट किया, जो अपनी उंगली की चोट के बावजूद मैदान पर उतरे थे। उनकी तेज गेंद ने पंत के बल्ले का बाहरी किनारा लिया, और विकेटकीपर जेमी स्मिथ ने आसान कैच पकड़ा। भारत का स्कोर 62/5 हो गया।
इसके बाद बेन स्टोक्स ने केएल राहुल (39, 58 गेंदें, 6 चौके) को एक शानदार इन-स्विंगर पर पवेलियन भेजा। राहुल ने गहरे क्रीज में डिफेंड करने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके पैड पर लगी। अंपायर ने शुरू में आउट नहीं दिया, लेकिन स्टोक्स की DRS की अपील सटीक थी, और भारत का स्कोर 81/6 हो गया। हर भारतीय प्रशंसक का दिल जोरों से धड़क रहा था।
वॉशिंगटन सुंदर (0) भी आर्चर की तेज गेंद का शिकार बने, जो सीधे स्टंप्स पर जा लगी। भारत का स्कोर अब 81/7 था, और जीत की उम्मीदें धूमिल हो रही थीं। रवींद्र जडेजा और नितीश रेड्डी ने हार नहीं मानी और 31 रनों की साझेदारी की। रेड्डी ने संयम दिखाया, लेकिन लंच से ठीक पहले क्रिस वोक्स ने उन्हें 13 रन (53 गेंदें) पर आउट कर दिया। वोक्स की ऑफ स्टंप के बाहर सीधी होती गेंद ने रेड्डी के बल्ले का बाहरी किनारा लिया, और भारत लंच के समय 112/8 पर सिमट गया। जडेजा 17* रन पर नाबाद थे, और भारत को अभी 81 रनों की जरूरत थी।
दोपहर का सत्र: जडेजा की जुझारू पारी
लंच के बाद रवींद्र जडेजा ने एक योद्धा की तरह पारी को संभाला। उनके साथ जसप्रीत बुमराह (5, 54 गेंदें) थे, जिन्होंने जडेजा का साथ देते हुए 19 रनों की साझेदारी की। जडेजा ने क्रिस वोक्स की एक तेज गेंद पर मिडविकेट के ऊपर से छक्का जड़ा, जिसने स्टेडियम में मौजूद भारतीय प्रशंसकों में जोश भर दिया। उनकी हर गेंद पर नजर थी, और हर रन के साथ भारत की उम्मीदें बढ़ रही थीं। लेकिन बेन स्टोक्स ने बुमराह को एक हवाई शॉट पर आउट कर दिया, और भारत का स्कोर 146/9 हो गया।
इसके बाद मोहम्मद सिराज (4, 30 गेंदें) मैदान पर आए। सिराज ने अपनी सीमित बल्लेबाजी क्षमता के बावजूद जडेजा का डटकर साथ दिया। दोनों ने 24 रनों की साझेदारी की, और जडेजा ने इस दौरान अपना अर्धशतक पूरा किया। उनकी 61* रन (181 गेंदें, 4 चौके, 1 छक्का) की नाबाद पारी भारत के लिए एक मिसाल थी। चाय तक भारत 170/9 पर पहुंच गया, और जीत के लिए केवल 23 रन चाहिए थे। हर भारतीय प्रशंसक की सांसें थम गई थीं—क्या जडेजा और सिराज इतिहास रच पाएंगे?
अंतिम सत्र: दिल तोड़ने वाला अंत
चाय के बाद का सत्र हर भारतीय के लिए एक रोलरकोस्टर की सवारी था। जडेजा और सिराज ने सावधानी के साथ रन जोड़े। जडेजा ने शोएब बशीर की गेंद पर एक शानदार कवर ड्राइव लगाया, जिसने स्कोर को 170 तक पहुंचाया। सिराज ने भी हिम्मत दिखाई और 4 रन बनाए, जिसमें एक रन जोखिम भरा था, जब उन्होंने बशीर की गेंद को मिड-ऑन की ओर खेला और तेजी से रन लिया।
लेकिन तभी शोएब बशीर, जो उंगली की चोट के कारण दिन में पहले बाहर थे, ने कमाल दिखाया। 75वें ओवर में उनकी एक ऑफ-ब्रेक गेंद सिराज के बल्ले को चकमा देकर पिच पर उछली और लेग स्टंप पर जा लगी। सिराज (4, 30 गेंदें) के आउट होने के साथ ही भारत 170 रन पर ऑलआउट हो गया। इंग्लैंड ने 22 रनों से जीत हासिल की, और सीरीज में 2-1 की बढ़त ले ली। सिराज के आउट होने के बाद जडेजा मैदान पर सिर झुकाए खड़े थे, और स्टेडियम में मौजूद भारतीय प्रशंसकों की आंखें नम थीं। यह हार केवल स्कोरबोर्ड पर नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल पर थी।
प्रमुख प्रदर्शन
रवींद्र जडेजा: 61* रन (181 गेंदें, 4 चौके, 1 छक्का) की नाबाद पारी। उनकी जुझारू बल्लेबाजी ने भारत को जीत के करीब लाया और हर भारतीय का दिल जीता।
मोहम्मद सिराज: 4 रन (30 गेंदें) बनाए और जडेजा के साथ 24 रनों की साझेदारी की। उनकी हिम्मत ने दिखाया कि वह सिर्फ एक गेंदबाज नहीं, बल्कि एक योद्धा हैं।
बेन स्टोक्स: 3 विकेट (3/48) और 77 रन की पारी। उनकी ऑलराउंड प्रतिभा ने उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब दिलाया।
जॉफ्रा आर्चर: 3 विकेट (3/55), जिन्होंने सुबह के सत्र में भारत की बल्लेबाजी को झकझोर दिया।
शोएब बशीर: चोट के बावजूद अंतिम विकेट लेकर इंग्लैंड की जीत सुनिश्चित की।
भावनात्मक क्षण
जडेजा की हर गेंद पर नजर रखने वाले प्रशंसकों के लिए यह मैच एक भावनात्मक सफर था। सिराज के आउट होने के बाद जडेजा का मैदान पर अकेले खड़ा होना, सिराज का ड्रेसिंग रूम की ओर जाते समय भावुक होना, और भारतीय ड्रेसिंग रूम में कोच गौतम गंभीर का चेहरा—यह सब हर भारतीय प्रशंसक के लिए एक मार्मिक पल था। इसके अलावा, जडेजा और ब्रायडन कार्स के बीच रन लेने के दौरान हुए तनाव ने भी खेल में मसाला जोड़ा, लेकिन जडेजा की शांत और केंद्रित बल्लेबाजी ने साबित किया कि वह असली "रॉकस्टार" हैं।

IND emotional moments

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